सुबह
हर रफ़्तार हर रूप में
चेहरा कुछ कहता हुआ दीखता है।
कोई नार्थ जाता है तो कोई साउथ
कुछ चपर -चपर करतें हैं
तो कुछ बैठे हैं विथ अ शट माउथ
पर हर चेहरा कुछ कहता हुआ दीखता है
कान बंद हैं हेलमेट से, स्कार्फ से, या फिर इअर प्लग से
पर कार के, स्कूटर के और बस के हॉर्न से खूब बातें करते हैं
मुझे पहले जाना है. थोडा साइड दो, अबे खिसक ऐसा बोलते है
इस भीड़ में और फुल स्पीड में
हर चेहरा कुछ कहता हुआ दीखता है
3 comments:
good picture created of the morning!! come up with its sequel, subah-2!! ye bataate hue ke har chehra kya keh raha hai!! kyuki, sab aksar ek hi baat kehte hain.. मेरी आवाज़ ही है पर्दा मेरे चेहरे का ,
मैं हूँ खामोश जहाँ , मुझको वहाँ से सुनिये !!
good to see you back in action!! :)
last ki do line aapki hain? bahut achhi hain!
nahi!! its from a gazal by Nida fazli, sung by JS!! main aisa likh paata toh log mere blog pe comments kar rahe hote, main nahi!! :)
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