Saturday, May 17, 2008

दोस्त

दोस्त तेरी दोस्ती अज़ीज़ है ,
तुझ से मिले नहीं फिर भी तू करीब है,
मोड़ कैसा भी हो जिस पर हम मिले,
खुदा की रजा से हम मिले हैं हम खुशनसीब हैं.

2 comments:

deshta said...

kya dosti hai...

Anonymous said...

reminds me one couplet by JS!!!

दोस्ती जब किसी से की जाए,
दुश्मनों की भी राय ली जाए..