क्या चीज़ है ये बारिश ?
रंगों के साथ चेहरों को खिलाती है,
मिटटी की सौंधी खुशबू उडाती है।
सहमी सी लड़की छत्री के संग अपना चश्मा संभालती है,
दादाजी की उंगलियाँ नन्हें पोते के हाथों को थामती हैं।
यौवन को महसूस करती दो सहेलियां बात कर खिलखिलाती हैं,
बूढी आंखों में बीती यादें फिर ताज़ा हो जाती हैं।
आस्मान में दो चिदियाँ दौड़ लगाती हैं ,
घर पर माँ चाय और पकौड़ों से टेबल सजाती है।
अपने आप को हीरो मान चुका लड़का मोटरसाईकिल दौडाता है,
हर पेड़ अपनी हरयाली पर गर्व कर झुकजाता है।
प्रेमिका अपने प्रेमी के कान में कुछ खुस्फुसाती है,
और फिर प्रेमी अपने प्यार को गाके बताता है।
हर शख्स इन बूंदों में एक नया सपना सजाता है।
क्या चीज़ है ये बारिश?
मेरी आंखों में आज हर चीज़ ख़ूबसूरत नज़र आती है,
और मुझे भी किसी अपने किसी ख़ास की याद दिलाती है।
रंगों के साथ चेहरों को खिलाती है,
मिटटी की सौंधी खुशबू उडाती है।
सहमी सी लड़की छत्री के संग अपना चश्मा संभालती है,
दादाजी की उंगलियाँ नन्हें पोते के हाथों को थामती हैं।
यौवन को महसूस करती दो सहेलियां बात कर खिलखिलाती हैं,
बूढी आंखों में बीती यादें फिर ताज़ा हो जाती हैं।
आस्मान में दो चिदियाँ दौड़ लगाती हैं ,
घर पर माँ चाय और पकौड़ों से टेबल सजाती है।
अपने आप को हीरो मान चुका लड़का मोटरसाईकिल दौडाता है,
हर पेड़ अपनी हरयाली पर गर्व कर झुकजाता है।
प्रेमिका अपने प्रेमी के कान में कुछ खुस्फुसाती है,
और फिर प्रेमी अपने प्यार को गाके बताता है।
हर शख्स इन बूंदों में एक नया सपना सजाता है।
क्या चीज़ है ये बारिश?
मेरी आंखों में आज हर चीज़ ख़ूबसूरत नज़र आती है,
और मुझे भी किसी अपने किसी ख़ास की याद दिलाती है।
10 comments:
wow... amazing words!!!
and this is all so true... full with real life emotions!!!
u write superb!!! :)
Cheers!!!
hey you write poems as wel, great! each and every word shows power of observation! :) nice!
thnks both of u.
too good dipika.. what a poetic thinking and imagination...i am impressed!
keep up the imaginative thinking!
love
bhai!
अपने आप को हीरो मान चुका लड़का मोटरसाईकिल दौडाता है, --- this is too good ... any guy who wud hav read wud hav thot tht its for him :D
It seems like a drizlling day is picturised by your beautiful work in front of my eyes.Amazing naration.
Though i am not very much into poetry but your words made be read all or your posts.
good work..
thank u so much...i tried to open your blog but it seems uninvited guests r not allowed. If u wish may i b invited to visit ur blog Brutus.
thnks
c i'm becoing Karan kohar writing things which appeals everybody. :)
kidding . i hope u liked it Vishal.
well, i could almost feel the raindrops on my face!!!
Post a Comment